राजस्थान में मुस्लिम पुलिसवालों के दाढ़ी नहीं रखने का एक अजीबोगरीब फरमान आया है. अलवर पुलिस ने नौ पुलिसवालों के नाम से दाढ़ी रखने को लेकर मिली इजाजत को वापस लेने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद मुस्लिम संगठन नाराज हैं.
- अलवर में मुस्लिम संगठन नाराज, इंसाफ के लिए जाएंगे कोर्ट
- अलवर पुलिस ने दाढ़ी रखने की मिली इजाजत ली वापस
राजस्थान में मुस्लिम पुलिसवालों के दाढ़ी नहीं रखने का एक अजीबोगरीब फरमान आया है. अलवर पुलिस ने नौ पुलिसवालों के नाम से दाढ़ी रखने को लेकर मिली इजाजत को वापस लेने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद मुस्लिम संगठन नाराज हैं वहीं राज्य सरकार को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें.
क्या कहता है नया फरमान?
अलवर पुलिस का ये फरमान है. जिसमें नौ पुलिसकर्मियों का नाम लिखा गया है कि इन्हें दाढ़ी रखने की मिली इजाजत वापस ली जाती है. इस आदेश में लिखा है कि इन पुलिसवालों को दाढ़ी रखने की अनुमति तुरंत प्रभाव से निरस्त की जाती है. इसकी सूचना पुलिस के सभी थाने के बड़े अधिकारियों को भेज दी गई है.
दरअसल राजस्थान में यह परंपरा है कि अल्पसंख्यक पुलिसवालों को दाढ़ी रखने के लिए जिला पुलिसअधीक्षक को आवेदन देना पड़ता है. उसके बाद ये दाढ़ी रखते हैं. अलवर एसपी पारिस देशमुख का कहना है, 'कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमने ये आदेश निकाले हैं. हमने 32 पुलिसवालों को दाढ़ी रखने की इजाजत दे रखी है जिसमें से 9 को दी गई इजाजत वापस ली है.'
मुस्लिम पुलिसकर्मियों में नाराजगी
इस आदेश के बाद मुस्लिम पुलिसकर्मियों में बेचैनी है. मुस्लिम संगठन के लोंगों का कहना है कि सरकार आदेश वापस लें वरना हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. इनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1999 में अल्पसंख्यक पुलिसवालों को दाढ़ी रखने की इजाजत दी थी.